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Friday, March 3, 2017

प्रजातन्त्र

 प्रजातन्त्र

प्रजातंत्र की स्थापना तब होती है जबकि सभी वयस्क स्त्री––पुरुष राज्य के कार्यों में भाग लेते हैं] अपने मतदान द्वारा प्रश्नों तथा योजनाओं का निर्धारण तथा निर्णय करते हैं तथा इस प्रकार अब्राहम लिंकन के आदर्श जनता की सरकार जनता ही के द्वारा को चरितार्थ करते हैं। सभी नागरिकों को शासन में भाग लेना चाहिए क्योंकि सभी काम करते हैं तथा धनोपार्जन करते हैं]  सभी व्यवस्था की स्थापना में अपनाअपना भाग जुटाते हैं। सभी उचित रूप से शिक्षित हैं तथा सामाजिक कार्यों के विषय में भली भांति विचार कर सकते हैं। सभी उन विधिनियमों द्वारा प्रभावित होते हैं जो कि आये दिन प्रस्तावित किये जाते हैं। सभी भ्रष्टाचार] अति कर तथा दमन को रोक सकते हैं। सभी आर्थिक वैभव तथा जीवन की रक्षा तथा स्वतंत्रता का उपयोग करते हैं] सभी को अच्छे शासन का लाभ तथा कुशासन तथा अन्याय से हानि पहुंचती है। जिसका संबंध सभी से है उसका निर्णय भी सभी के द्वारा होना चाहिए। लोकतंत्र सभी नागरिकों को नागरिक कर्तव्य सिखाता है। यह विवेक स्वतंत्रता] आत्मसम्मानसहनशीलता सामाजिक भावना तथा राजनीतिक निर्णय का सर्वोत्तम शिक्षा––स्थल है। यह जनता की बुद्धि को विकसित करता है तथा उन्हें काॅमनवैल्थ के लिए बड़ेबड़े त्याग करने के लिए प्रेरित करता है; क्योंकि वे सभी इसके नियन्त्रण तथा निर्देन में भाग लेते हैं। यह राष्ट्रद्रोह तथा अव्यवस्था को रोकता है] क्योंकि यह सार्वजनिक विचारधारा को पूरी स्वतंत्रता देता है तथा नियमों और संस्थाओं की ठीक रूप से स्थापना में सहायक होता है। यह मन की अत्यन्त मूल्यवान निधियों जैसे मानसिक चैतन्य] दया] विनम्रता] स्वार्थहीनता तथा वीरतापूर्ण बलिदान को बढ़ावा देता है। अच्छे शासन का सच्चा लक्षण जनसंख्या तथा धन की बढ़ोतरी नहीं है। यह चरित्र तथा व्यक्तित्व का निर्माण है। वही शासनसत्ता सर्वोत्कृष्ट होती है जो कि अच्छेसेअच्छे स्त्रीपुरुषों का चरित्रनिर्माण करती है। इस प्रकार की नैतिक परीक्षा सरकार के सभी राजनीतिक रूपों पर प्रजातंत्र प्रणाली की संयहीन सर्वोत्कृष्टता को स्थापित करती है। इसके बिना मानव समाज बिना आरोग्य की आशा के गलसड़ जायेगी।
प्रजातंत्र अमर रहे।

लाला हरदयाल द्वारा लिखित व्यक्तित्व-विकास संघर्ष और सफलता] अनुवाद प्रो. सत्यपाल विज] से उद्धृत अं

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